कुल पेज दृश्य

रविवार, 29 दिसंबर 2019

हम भी महोब्बत किया करते थे।

             आँखों मे प्यास हुआ करती थी…
              दिल में तुफान उठा करते थे…

लोग आते थे गज़ल सुनने को…
हम तेरी बात किया करते थे…

             सच समझते थे सब सपनो को…
             रात दिन घर में रहा करते थे…
किसी विराने में तुझसे मिलकर…
दिल में क्या फुल खिला करते थे…

           घर की दिवार सजाने की खातिर…
           हम तेरा नाम लिखा करते थे…

कल तुझ को देखकर याद आया…
हम भी महोब्बत किया करते थे?

शुक्रवार, 27 दिसंबर 2019

प्रेम इतनी गहराई से करो कि जीवन के अंतिम पलों में भी स्मरण हो जाए।


प्रेम में ही जीवन है, प्रेम में ही ध्यान है, प्रेम में ही साधना है, प्रेम में ही मुक्ति है और प्रेम में ही मृत्यु! जीवन में प्रेम है तो सबकुछ है, हर चीजे सहज और सरल हो जाती है। हर जगह, हर समय, हर व्यक्ति से आनंद मिलता है। पर जब प्रेम में जीवन का अंतिम पल आता है, तो लोग असहज हो जाते है। 
क्यों…………………???????
क्या प्रेम सिर्फ जीवन को ही आनंद देता है? क्या प्रेम जीवन के साथ ही समाप्त हो जाता है? प्रेम में मर कर भी सबके दिलों में बसा जा सकता है, सबके करीब रहा जा सकता है, उनका प्रेम तब निःस्वार्थ पाया जा सकता है, शायद जो पुरे जीवन में न मिला हो, क्योकि तब अपना कोई अस्तित्व नही होता, किसी अनहोनी की आशंका नही होती, सब जानते रहते है कि वो अब इस दुनिया में नहीं रहा, सिर्फ उसकी यादे होती है, कुछ खट्टी-कुछ मीठी, जो कभी रुलाती है, कभी हँसाती है, कभी गुदगुदा जाती है। दिल के किसी कोने में उसके आखिरी साँस तक रहती है। कोई लाख कोशिश कर ले पर भूल नहीं पाता, पर शर्त एक है कि प्रेम सिर्फ प्रेम ही हो, और कुछ नहीं।
मै तो मानता हूँ कि जिस प्रेम की चाहत में आपने पूरी जिंदगी गुजार दी और जो हमेशा अधूरा ही महसूस होता रहा, जिसको पाने के लिए आपने हर कोशिशे कर ली पर तृप्त नही हुए, जिसको पाने लिए आपने अपना सब कुछ खो दिया, पर निराशा मिली, एक बार जीवन के अंतिम पलो में जाकर देखे! पर जब जीवन का अंतिम पल हो तो दुःखी हो कर नहीं, उतने ही आनंद से, उसी भाव से, जिस भाव से आपने जीवन में प्रेम को पाने की कोशिशे की थी, जीवन के अंतिम क्षणो में भी उसी प्रेम को महसूस करो, उसी गहराई में उतरो, फिर देखो! वही आनंद, वही मौज, वही गहराई मिलेगी। जिंदगी का आखिरी लम्हा तुम्हे आनंद से भर देगा, तृप्त हो जाओगे, दुःख खत्म हो जायेगा, सब कुछ सरल और सहज हो जायेगा, आँखों को प्रेम की उसी गहराई में उतरकर बंद कर लो जो कभी जीवन में उस प्रेम को महसूस कर अपने आप बंद हो गयी थी।🙏🙏

किसी की यादों में बस जानें की बात कुछ और है।




गुरुवार, 21 नवंबर 2019

कहना तो बहुत कुछ चाहता हूं…

दुश्मन भी पेश आए हैं दिलदार की तरह…



दुश्मन भी पेश आए हैं दिलदार की तरह…
नफरत मिली है उनसे मुझे प्यार की तरह…

कैसे मिलेंगे चाहने वाले बताईये…
दुनिया खड़ी है राह में दीवार की तरह…

वो बेवफ़ाई करके भी शर्मिंदा ना हुए…
सूली पे हम चढ़े हैं गुनहगार की तरह…

तूफ़ान में मुझ को छोड़ कर वो लोग चल दिए…
साहिल पर थे जो साथ में पतवार की तरह…

चेहरे पर हादसों ने लिखीं वो इबारतें…
पढ़ने लगा हर कोई मुझे अख़बार की तरह…

दुश्मन भी हो गए हैं मसीहा सिफ़त "सचिन"
मिलते हैं टूट कर वो गले यार की तरह।

💔 💔 💔 💔 💔 💔 💔 💔 💔 💔

कुछ तबीयत ही मिली थी ऐसी चैन से जीने की सूरत ना हुई…
जिसको चाहा उसे अपना ना सके जो मिला उससे मुहब्बत ना हुई…

जिससे जब तक मिले दिल ही से मिले दिल…
जो बदला तो फसाना बदला…
रस्में दुनिया की निभाने के लिए हमसे रिश्तों की तिज़ारत ना हुई…

दूर से था वो कई चेहरों में पास से कोई भी वैसा ना लगा…
बेवफ़ाई भी उसी का था चलन फिर किसीसे भी शिकायत ना हुई…

वक्त रूठा रहा बच्चे की तरह राह में कोई खिलौना ना मिला…
दोस्ती भी तो निभाई ना गई दुश्मनी में भी अदावत ना हुई।💔🙏