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शुक्रवार, 19 जुलाई 2019

करू प्यार मैं भी,करो प्यार तुम भी।

करू प्यार मैं भी,करो प्यार तुम भी।
मिलनसार मैं भी,मिलनसार तुम भी।।

मुहब्बत किसी की,न कम है न ज्यादा,
बराबर मेरे साथ हकदार तुम भी।

लगी आस मिलने की दिल में बराबर,
न मैं ही अकेले, तलबगार तुम भी।

मुझी पर लगाते रहे जुल्म सारे,
नहीं सिर्फ मैं ही, गुनहगार तुम भी।

चलो हम मनाते तुम्ही मान जाओ,
न करना कभी अब तो तकरार तुम भी।

चलेगी न जीवन की नैया अकेले,
मददगार मैं भी, मददगार तुम भी।

खता मानने हम न तैयार दोनो,
समझदार मैं भी,समझदार तुम भी।

सजा के लिये सामने कौन होगा,
खतावार मैं भी,खतावार तुम भी।

न हैं "सचिन" कमजोर इक दूसरे से,
असरदार मैं भी, असरदार तुम भी।"

मंगलवार, 16 जुलाई 2019

थोड़ा थक सा जाता हूं।


कुछ कह गए, कुछ सह गए,


झांक रहे है इधर उधर सब


खुश हूं।


अज़ीब सी धुन बजा रखी है!


तू अकेले क्यों गई।


हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूं मैं!


इंसान जाने कहां खो गए हैं।


कोई दीवाना कहता है!


ज़िंदगी


कोई तुमसे पूछे कौन हूं मैं?


फोन कर लेना मुझे तुम