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गुरुवार, 5 जनवरी 2023

तो समझ लेना!

अहसास खत्म हो जाए जब तुम्हारा हमदर्द ही दर्द की वजह बन जाए तो समझ लेना वो रिश्ता बेमानी है.....!

जब लम्बी लम्बी बातों के सिलसिले चंद हो जाए तो समझ लेना वो रिश्ता बेमानी है......!

उसके दिल के दरवाजे तुम्हारे लिए बंद हो जाए…

जब कोई तुम्हारी मासूमियत को तुम्हारी बेवकूफी समझने लग जाए उसकी बेरुखी से तुम्हारी काँपती रूह नज़रअंदाज़ होने लग जाए तो समझ लेना वो रिश्ता बेमानी है.....

कोई अनजान बन जाए…

सहारा

कोई बेजुबान बन जाए…

तुम्हें तकलीफ में देखकर भी तो समझ लेना वो रिश्ता बेमानी है......

जब तुम्हारे रूठने पर कोई मनाने तक ना आये उन उलझे रिश्तों को कोई सुलझाने तक ना आए तो समझ लेना वो रिश्ता बेमानी है... !

और आखिर में……

जब तुम्हारे दिल के जज़्बात अनसुने से हो जाए कहने को बहुत कुछ हो मगर अल्फाज़ ही कम पड़ जाए वो रिश्ता बेमानी है.........!

तो समझ लेना।