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गुरुवार, 9 नवंबर 2017

दर्द भरी शायरी:सारा दिन लग जाता है खुद को समेटने में

जब रूह में उतर जाता है बेपनाह इश्क का समंदर,

लोग जिंदा तो होते हैं मगर किसी और के अंदर।

💟💟💟💟💟

ना वादा है और ना कोई क़समें है,

फिर भी यह दिल तेरी ही मोहब्बत के बस में है।

💝💝💝

हर रूह में समाये हो तुम,

दिल में जगह बनाये हो तुम,

प्यासी आँखों को दे दो दीदार,

आज बहुत याद आये हो तुम।

💜💜💜💜

झाक कर देखना कभी निगाहो मे मेरे,

तेरे इन्तजार मे तडपी बहुत थी।

💛💛💛

सारा दिन लग जाता है खुद को समेटने में,

फिर रात को यादों की हवा चलती है और हम फिर से बिखर जाते हैं।

💔💔💔💔

दिल के सागर मे लहरे उठाया ना करो,

ख्वाब बनकर नींद चुराया ना करो,

बहुत चोट लगती है मेरे दिल को,

तुम ख्वाबो में आ कर यू तडपाया ना करो।

💖💖💖💖

शुक्र है कि मौत सबको आती है

वरना अमीर तो इस बात का भी मजाक उड़ाते

कि गरीब था इसलिए मर गया।😢😢

🌸🌸🌸🌸

कितनी अजीब है मेरे अन्दर की तन्हाई भी,

हजारो अपने है मगर याद सिर्फ वो ही आता है।

🌹🌹🌹🌹

वो भी क्या ज़िद्द थी जो तेरे-मेरे बीच एक हद थी,

मुलाकात मुकम्मल ना सही मुहब्बत बे-हद थी ।

🌼🌼🌼🌼

काफी है तेरा अहसास ही जीने के लिये,

रूबरू होने की इतनी ख्वाहिश भी तेरे लिए ।

🏵️🏵️🏵️🏵️

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