चल हो गया फ़ैसला,
कुछ कहना ही नहीं,
तू जी ले मेरे बग़ैर,
मुझे जीना ही नहीं..
लिखा जो ख़त हमने वफ़ा के पत्ते पर,
डाकिया भी मर गया शहर ढूंढते ढूंढते..
आप तो चाँद हे जिसे सब याद करते हे,
हमारी किस्मत तो तारों जेसी हे,
याद तो दूर,
लोग अपनी ख्वाहिश के लिए हमारी टूटने की फरियाद करते हे..
कई चेहरे लेकर लोग यहाँ जिया करते हैं ,
हम तो बस एक ही चेहरे से प्यार करते हैं ,
ना छुपाया करो तुम इस चेहरे को,
क्योंकि हम इसे देख के ही जिया करते हैं ..
भूलना चाहो तो भी याद हमारी आएगी,
दिल की गहराई मे हमारी तस्वीर बस जाएगी.
ढूढ़ने चले हो हमसे बेहतर दोस्त,
तलाश हमसे शुरू होकर हम पे ही ख़त्म हो जाएगी।
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