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शनिवार, 29 सितंबर 2018

☆◇■ टूटे हुए 💔 दिल से… ■◇☆

हर दिन नया होता है और नए तजुर्बे लेकर आता है पर कभी-कभी ज़िन्दगी में कोई ऐसी रात भी आ जाती हैं…
जो ऐसे भ्रम को दूर कर जाती हैं जिसके आधार पर हम अपनी जिंदगी दांव पर लगा चुकें होते हैं और वो शख्स जिसके लिए हम ये करते हैं।
वो हमारे एक-एक लफ्ज में हमारी गलतियों को तलाश करता है हमें नीचा दिखाने के लिए, हमें छोड़कर जाने के लिए और जब उसको कोई ऐसी बात मिल जाएं…
जिससे वो हमकों ग़लत साबित कर सकें। 

तो वो ये कभी नहीं सोचता कि इतना प्यार करने के बावजूद इस शख्स से अगर कोई ग़लती हुई तो क्यों हुई। 

उसकी मानसिक स्थिति क्या रही होगी जब उसने ऐसी बात कही… कहीं वो शख्स तुमको खोने के डर से तो उलटा सीधा नहीं बोल रहा था। बस वो उस बात को लेकर उसको नीचा दिखाने लगता है और ये साबित कर देता है कि तुमने मुझें कभी अपना माना ही नहीं और अगर कुछ था तो वो बस तुम्हारी कोई मजबूरी रही होगी। 

वो ना तुम्हारी कसम की परवाह करता है जो तुम बार-बार देते हो और ना तुम्हारी।
जब इतना कुछ हो जाए तो समझना चाहिए हम गलत है, और जो गलत होता हैं उसका कोई अधिकार नहीं होता की वो किसी को बेवजह तंग करें, सताये, रातों को जागने पर मजबूर करें।
जिसको तुमनें ग़लत लफ्ज़ कह दिया हो उससे गलती की माफ़ी मांगो और उसको आज़ाद कर दें…
आपको कोई हक़ नही किसी की निजी ज़िन्दगी में दख़ल देने का।
क्या पता तुम्हारे साथ रहने में उसको घुटन महसूस हो रही हो और किन्हीं कारणों की वज़ह से वो आपको कह नही पा रहा हो और इस लिए ऐसे सवाल कर रहा हो जिसका उसको लगे की ये या तो जवाब नहीं देगा नही तो गलती जरूर करेगा और गलती का ही उसको इंतज़ार है कि कब आप उसको गलत जवाब दे और कब वो आपको अपनी ज़िन्दगी से निकाले।

कहने का मतलब ये है कि अगर आप खुद कहो कि क्या मैं तुमको आज़ाद कर दू …
तो गलती तब भी तुम्हारी निकलेगी और अगर नही कहते तब भी वो आपसे ग़लत शब्द निकलवा ही लेगा…
आप कुछ भी करले बस गलत आपको ही ठहराया जाएगा स्थिति चाहें जो भी रही हो… हर स्थिति में आप फंस रहे हैं।
तो आपकी भलाई इस बात में ही हैं कि हाथ जोडों गलती की माफ़ी मांगों और ज़िन्दगी को उसको अर्पित करदों जिसनें ये तुमको दी।

“याद तो आया करेंगे उनकों हम भी उनको जब भी कोई सतायेगा…
पर लौटकर जहाँ से कोई ना आया, ये बंदा भी वहीं चला जाएगा।”