उसकी मोहब्बत लाख छुपाई ज़माने से मैंने, मगर आँखों में तेरे अक्स को छुपा न सका।
कभी तुम आ जाओ ख्यालों में और मुस्कुरा दूँ मैं, इसे गर इश्क़ कहते हैं तो हाँ मुझे इश्क़ है तुमसे।
मोहब्बत क्या है चलो दो लफ़्ज़ों में बताते हैं, तेरा मजबूर करना और मेरा मजबूर हो जाना।
इक तेरी तमन्ना ने कुछ ऐसा नवाज़ा है, माँगी ही नहीं जाती अब कोई और दुआ हमसे।
तू तो मेरी वो ख़ुशी है जिसे मैं किसी को न दूँ!
मोहब्बत एक खुशबू है हमेशा साथ रहती है, कोई इंसान तन्हाई में भी कभी तन्हा नहीं रहता।
होशवालों को खबर क्या…
बेखुदी क्या चीज़ है…
इश्क कीजिये…फिर समझिये…
ज़िन्दगी क्या चीज़ है!
इश्क ने कब इजाजत ली है आशिक़ों से वो होता है, और होकर ही रहता है…!!
तेरे ख़त में इश्क की गवाही आज भी है, हर्फ़ धुंधले हो गए पर स्याही आज भी है।
तू यकीन करें या ना करें…
तेरे साथ से मैं सवर गई…
तेरे इश्क के जूनून मे……
मैं सारी हदों से गुजर गई।
झुका ली उन्होंने नज़रे जब मेरा नाम आया इश्क़ मेरा नाकाम ही सही पर कही तो काम आया।
बंद कर दिए हैं हमने तो दरवाजे इश्क के पर कमबख़्त तेरी यादें तो दरारों से ही चली आई।
खूबसूरत मैं नहीं ये तुम्हारा इश्क़ है…
जो नूर बनकर मेरी आँखों से छलकता है…!!
इश्क़ है तो शक कैसा अगर नहीं है तो फिर हक कैसा?
इश्क की गहराईयों में.. खूबसूरत क्या है!!
एक मैं हूँ, एक तुम हो और ज़रुरत क्या है!!
कुछ तो शराफत सीख ले, ऐ इश्क़ शराब से!! बोतल पे लिखा तो होता है, मैं जानलेवा हूँ!!
मैं भी हुआ करता था वकील इश्क वालों का कभी!! नज़रें उस से क्या मिलीं आज खुद कटघरे में हूँ!!
किसी की क्या मजाल थी; जो हमें खरीद सकता; हम तो खुद ही बिक गये; खरीददार देख के।
काश तुम पूछो के तुम मेरे क्या लगते हो,मे गल्ले लगाऊँ और कहु…”सब कुछ”।
इक झलक जो मुझे आज तेरी मिल गयी,मुझे फिर से आज जीने की वजह मिल गयी।
बिन तेरे मेरी हर ख़ुशी अधूरी है! सोच तू मेरे लिए कितनी जरुरी है!!
तुम कहते हो ना हमेशा खुश रहा करो…
तो फिर सुन लो तुम भी हमेशा मेरे पास रहा करो।
ना तो पूरे मिल रहे हो ना ही खो रहे हो तुम, दिन-ब-दिन और भी दिलचस्प हो रहे हो तुम।
तुम्हारी एक मुस्कान से सुधर गई तबियत मेरी,बताओ यार इश्क करते हो या इलाज करते हो।
इजहार-ए-मोहब्बत पे अजब हाल है उनका,आँखें तो रज़ामंद हैं लब सोच रहे हैं।
जन्नत-ए-इश्क में हर बात अजीब होती है, किसी को आशिकी तो किसी को शायरी नसीब होती है।
रूबरू मिलने का मौका मिलता नहीं है रोज, इसलिए लफ्ज़ों से तुमको छू लिया मैंने।
वो रख ले कहीं अपने पास हमें कैद करके, काश कि हमसे कोई ऐसा गुनाह हो जाये।
लम्हों में क़ैद कर दे जो सदियों की चाहतें, हसरत रही कि ऐसा कोई अपना तलबगार हो।
यही बहुत है कि तुमने पलट के देख लिया, ये लुत्फ़ भी मेरी उम्मीद से कुछ ज्यादा है।
राज़ खोल देते हैं नाजुक से इशारे अक्सर, खामोश मोहब्बत की जुबान होती है।
मुझ में लगता है कि मुझ से ज्यादा है वो, खुद से बढ़ कर मुझे रहती है जरुरत उसकी।
तुम्हें नींद नहीं आती तो कोई और वजह होगी, अब हर ऐब के लिए कसूरवार इश्क तो नहीं।
लोगों ने रोज ही नया कुछ माँगा खुदा से, एक हम ही हैं जो तेरे ख्याल से आगे न गये।
न जाहिर हुई तुमसे और न ही बयान हुई हमसे, बस सुलझी हुई आँखो में उलझी रही मोहब्बत।
मुकम्मल ना सही अधूरा ही रहने दो, ये इश्क़ है कोई मक़सद तो नहीं है।
एक उमर बीत चली है तुझे चाहते हुए, तू आज भी बेखबर है कल की तरह।
नहीं है अब कोई जुस्तजू इस दिल में ए सनम, मेरी पहली और आखिरी आरज़ू बस तुम हो।
अपनी कलम से दिल से दिल तक की बात करते हो सीधे सीधे कह क्यों नहीं देते हम से प्यार करते हो।
हमें सीने से लगाकर हमारी सारी कसक दूर कर दो, हम सिर्फ तुम्हारे हो जाऐ हमें इतना मजबूर कर दो।
नज़रे करम मुझ पर इतना न कर, की तेरी मोहब्बत के लिए बागी हो जाऊं, मुझे इतना न पिला इश्क़-ए-जाम की, मैं इश्क़ के जहर का आदि हो जाऊं।
अगर तुम्हे याद करने का कोई मीटर भी होता तो सबसे ज्यादा बिल मेरा ही आता।
कितने भी पल गुज़ार लू तेरी बाहों में ओ यारा, मगर सांस फिर भी कहती है कि दिल अभी भरा नहीं
कुछ लम्हे गुज़ार लिया करो हमारे साथ भी, दिल उदास रहता है जब तुमसे बात नहीं होती
काश ये दिन रोज़ आये, आँखें खोलूं और तेरा चेहरा नज़र आए।
तुमसे प्यार किया है दिल से निभाएंगे, जब तक जान है तुमको ही चाहेंगे।
न जाने कोनसा विटामिन है तेरे अन्दर, कमजोरी सी लगने लगती है, जिस दिन तुझसे न मिलूँ।
कितनी मोहब्बत है तुमसे बता नहीं सकते, बस इतना जानते हैं के तेरे बिना रह नहीं सकते।
चॉकलेट से भी मीठे हैं आपके होंठ, इज़ाज़त दो तो टेस्ट करके देख लूँ।
मेरे प्यार की हद हम नहीं जानते, बस जीना छोड़ सकते हैं तुम्हे नहीं।
न कॉफ़ी लेते हैं, न चाय लेते हैं तेरे इश्क़ के मुरीद हैं सुबह उठते ही तेरा नाम लेते हैं।
आँखों में नशा है होठों पे मज़ा है इसी लिए तो ये दिल तुझपर फ़िदा है।
बिना जिस्म छुए तेरी रूह से लिपट जाऊं ऐसा है मेरा इश्क़।
दोस्त पूछते हैं की मैंने तुझमे ऐसा क्या देखा मैंने कहा .. तुझे देखने के बाद कुछ और देखा ही नहीं।
ऐसे ही समय समय पर प्यार की दवाई दिया करो, हमें आदत है हर रोज़ प्यार में बीमार होने की।
क्यों न सोने से पहले कुछ मीठा हो जाए।
लेकर अपनी बाहों में तेरा होना चाहते हैं, तेरे होठों को अपने होठों से धीरे से छूना चाहते हैं
सुबह उठते ही आई मेरे जिस्म से तेरी खुशबू, शायद सपने में तूने मुझे सीने से लगाया होगा।
काश के तुम मुझसे पूछते तुम मेरे क्या लगते हो और मैं तुम्हें गले लगाऊं और कहूँ के सब कुछ।
तेरा ख्याल और तेरी खुशबू सता रही है दिल को, ये जो करार दिल मैं है कहीं मोहब्बत तो नहीं।
कितना प्यार है तुझसे इन लफ़्ज़ों में बता नहीं सकता, बस महसूस कर मेरे प्यार को, गवाही कहीं से ला नहीं सकता।
तेरे इश्क़ में है मेरी बंदगी, मुझे कुछ और खबर नहीं, तुझे देखने के बाद कहीं और देखूं, मेरे पास ऐसी नज़र नहीं।
पुछा था मैंने आज मीठे में क्या है, शरमा कर उसने ऊँगली लबों पर रख दी।
प्यार में झुकना कोई बड़ी बात नहीं, सूरज डूब जाता है चाँद के लिए।
बात सिर्फ इतनी है अच्छा नहीं लगता तेरे सिवा किसी से बात करना!
तेरी आवाज़ की कशिश एक तरफ, हज़्ज़ारों सुरों का संगीत एक तरफ!
मुझे नशा करने की क्या है जरूरत, तुम्हारे होंठ ही काफी हैं नशे के लिए!
बस यही सोच कर तुम पे यकीन कर लिया, कि इतने हसीं होठों से कहाँ झूठ बोलोगे।
दिल करता है तुझसे लिपटकर बताऊं कि कितना दर्द होता है दूर रहकर जीने में!
मेरी जान तुझमे इतनी मिठास है के तेरे आगे Dairy Milk भी बकवास है।
सामने बैठे रहते हो तो दिल को करार आता है जितना तुम्हें देखते हैं उतना प्यार आता है।
देखो तो क्या शान है हमारी, एक प्यारी से लड़की जान है हमारी।