कुल पेज दृश्य

शुक्रवार, 14 अप्रैल 2017

✌💃【जानिए कैसे लड़कों को पसंद करती हैं लडकियां!】💃✌

आज हर लड़के को किसी न किसी लड़की की तलाश रहती है लेकिन इसके लिए लड़कियों की पसंद का पता होना भी जरूरी है। वैसे तो सबकी अपनी-अपनी पसंद होती है। लड़कियों को कैसे लड़के पसंद है, इस सवाल का एक जवाब नहीं है।

लेकिन कुछ बातें ऐसी हैं जिनको हर लड़की एक लड़के में देखना पसंद करती है। लेकिन अगर आपके पास ये खूबियां नहीं हैं तो निराश होने की जरूरत नहीं है। अपनी पर्सनालिटी में थोडा सुधार करके आप इस काबिल बन सकते हैं।

लड़कियों को ख्याल रखने वाले, सम्मान देने वाले, नर्म दिल और संस्कारी लड़के ज्यादा पसंद आते हैं। इसके अलावा हमेशा साफ-सुथरे, जिंदादिल, रोमांटिक, सभी से सभ्यता से पेश आने वाले, तारीफ करने में दिलदार जैसे गुण वाले लड़के भी लडकियों को भाते हैं।

अगर आप स्मार्ट हैं और तब भी लडकी आपकी तरफ ध्यान नहीं दे रही है तो आपको अपने व्यवहार में कुछ बदलाव करने चाहिए।

आइए जानते हैं लडकियां कैसे लडको से प्रभावित होती हैं

प्रेम प्रसंगयुक्त (रोमेंटिक): 
लड़कियों को अक्‍सर रोमेंटिक लड़के पसंद आते है जो स्वभाव से बड़े दिलफेंक होते हैं। उन्हें वे लड़के आकर्षित करते हैं जो उन्‍हे दुलारे, प्‍यार करें, उनकी तारीफ करें और उनके साथ उन्‍ही के मन मुताबिक तरीके से रोमांस करें।

सरल और सीधा : 
अधिकतर लड़कियां ऐसे लड़कों की तरफ आकर्षित होती हैं जो सज्जन (जेंटलमैन) हों। जो स्वभाव से बहुत ही सरल और सीधे हो मतलब शरीफ हों लेकिन जरूरत पडने पर आक्रामक रूख भी अपना सके। लडकों की शराफत लड़कियों को ज्यादातर अपनी तरफ आकर्षित करती है।

खुले विचारों वाला : 
आजकल लड़कियों को खुले विचारों के लड़के बहुत पसंद आते हैं जो उन पर किसी भी तरह का दबाव ना डालें, किसी तरह की दिक्‍कत न पैदा करें और उन्हें खुश रखें।

बुद्धिमान :  
रोमेंटिक होने के साथ साथ जो लड़के बुद्धिमान होते हैं लडकियां उन लड़कों को पसंद करती है। उनके लिए लड़कियों के मन में सम्‍मान होता है और उनका साथ पाने के लिए वे खुद से समर्पण कर देती हैं। बुद्धिमान लोग सब कुछ जीत सकते हैं।

ख्याल रखने वाला : 
लड़कियों को ख्याल रखने वाले लड़के पसंद आते हैं। ख्याल रखने की प्रवृत्ति से लड़कियों को लगता है कि आप उनका हर मुश्किल वक्‍त में साथ निभाएंगे। लड़कों का देख रेख करने वाला स्वभाव लडकियों को उनके प्रति आकर्षित करता है और वे ऐसे लड़कों पर पूरा भरोसा करती हैं।

सम्मान देने वाला :
लड़कियों को महिलाओं का सम्मान करने वाले लड़के काफी पसंद आते हैं। महिलाओं को सम्मान देने से आपकी महिलाओं के प्रति सोच का पता चलता है। महिलाओं को सम्मान देने से लडकियों को लगता है आप महिलाओं की इज्जत करते हैं।

स्पष्टवादी : 
साफ़ कहना सुखी रहना वाली लकीर पर चलने वाले लड़के लड़कियों को जल्दी पसंद आते हैं। लड़कियां ऐसे लड़कों को सच बोलने वाला मान कर पसंद करती हैं। वे खुद भी चाहती हैं कि कोई बात छिपी न रहे।

आत्मविश्वासी : 
लड़कियों को लड़कों का दबंग स्वभाव भी बहुत भाता है। लड़कियों को लड़कों का आत्मविश्वास बहुत भाता है। लड़कियों को शर्मीले और संकोची लड़के ज्यादा पसंद नहीं हैं। इसलिए कभी भी बात करने में हिचकिचाएं नहीं और खुलकर अपनी बात कहें।

गंभीर : 
लड़कियों को स्वभाव से गंभीर प्रवृत्ति वाले लडके बहुत भाते हैं। लड़कियों को पीछे लगने वाले लड़के कतई पसंद नहीं आते। ‘आई लव यू’ कहते हुए आगे-पीछू घूमने वाले लड़कों को लड़कियं ‘चिपकू’ समझती हैं। लड़कियां ऐसे लड़कों को पसंद करती हैं जो अपना आत्मसम्मान बनाए रखें। अगर आपने अपनी भावनाएं एक बार उनको बता दी है तो उनसे हर समय उसका जवाब न मांगें।

खुशमिजाज
बात बात पर मायूस होने वाले, रोतड़े लड़के लड़कियों को पसंद नहीं आते। लड़कियों को खुशमिजाज लडके पसंद आते हैं। क्योंकि आपके चेहरे की रौनक से आपकी प्रकृति का पता चलता है। अगर आपका चेहरा खिला-खिला रहेगा तो आप जोश से भरपूर दिखते हैं जो लड़कियों को आपकी तरफ खींचता है।

थोड़ा अकड़ू मिजाज
कई लड़कियां ऐसे लड़कों की तरफ ध्यान देती हैं जो अपनी धुन में रहना पसंद करते हों और लड़कियों को खास तवज्‍जो न देते हों। लेकिन इसका मतलब यह नहीं की वो बदतमीज हों। तो अगर आपकी लड़कियों को देखकर मचल जाने की प्रवृत्ति है तो जरा संभल जाइए और अपनी भावनाओं पर काबू रखिए। एकदम से लड़कियों के सामने ऐसा व्यवहार मत कीजिए जिससे उन्हें लगे कि आप उन्हें पसंद करते हैं। 💘

बुधवार, 12 अप्रैल 2017

🗿【महिलाओ की किस राशि वालो के साथ नहीं बैठती है जोड़ी इस अनुसार नहीं मिल पाता प्यार!】🗿

लड़का और लड़की के रिश्ते की बात आते ही एक दूसरे की राशि और कुण्डलिया मिलते है।
जिसे दोनों की जोड़ी अच्छी रहे और यही बात प्यार में भी होती है।
कई बार प्यार में भी कई मुश्किल आ जाती है, फिर आपस में बात-बात में लड़ाई होती हैं, ये सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि आपलोगों का स्वभाव अलग है।
तो आज हम आपको बातएंगे कुछ ऐसे बाते जिसे आप जान जायगे की महिलाओ की किस राशि के अनुसार मिल जाता है प्यार और पति-पत्नी के बीच तनाव का कारण राशियां भी हो सकती हैं।

मेष राशि:
इस राशि के लोग बहुत साहसी, स्वतंत्र और भावुक होते हैं इसलिए मेष राशि वालों को वृषभ राशि वालों के साथ शादी कभी नहीं करनी चाहिए क्योंकि वृषभ राशि वालों को रिश्तों में पीछा करना पसंद नहीं होता।

वृषभ राशि:
इस राशि के लोग प्रेक्टिकल और ईमानदार होते हैं इनकी धनु राशि वालों के साथ नहीं पटती धनु राशि वाले लोग जिम्मेदारियों से पीछे भागते हैं।

मिथुन राशि:
इस राशि के लोग वफादार और मौज-मस्ती करने वाले होते हैं इनके लिए मकर राशि वाले लोग सही नहीं होते क्योंकि मकर राशि के लोग इन्हें उत्तेजित नहीं कर पाते वहीं मिथुन राशि के लोग 'जैसा होगा देख लिया जाएगा' के सिद्धांत पर चलते हैं।

कर्क राशि:
ये इमोशनल और हेल्पफुल होते हैं इनकी और कुंभ राशि की जोड़ी बहुत खराब होती है कुंभ राशि के लोग बहुत स्वतंत्र होते हैं, जिसकी वजह से कर्क राशि वालों को लगता है कि इन्हें उनकी जरूरत ही नहीं है।

सिंह राशि:
इस राशि के लोगों में आत्मविश्वास बहुत होता है इनकी और वृश्चिक राशि वालों की नहीं बनती क्योंकि वृश्चिक राशि वाले जिद्दी और ईर्ष्यालु होते हैं, जो सिहं राशि वालों को पसंद नहीं आती।

कन्या राशि:
इस राशि के लोग केयरिंग होते हैं इनकी और धनु राशि की जोड़ी बहुत खराब होती है दरअसल धनु राशि के लोग कभी-कभी बहुत लापरवाह हो जाते हैं, जिससे कन्या राशि के लोगों की भावनाओं को चोट पहुंचती है।

तुला राशि:
इस राशि के लोग अपने मिलनसार स्वभाव के लिए जाने जाते हैं. ये केयरफ्री जिंदगी जीना पसंद करते हैं इनकी और कन्या राशि के बीच नहीं बनती. क्योंकि कन्या राशि के लोग तनाव ज्यादा लेते हैं।

वृश्चिक राशि:
इस राशि के लोगों पर आसानी से विश्वास किया जा सकता है इनकी विरोधी राशि मेष होती है क्योंकि मेष राशि के लोगों को गुस्सा जल्दी आता है और वृश्चिक राशि वालों को प्यार भरा माहौल पसंद होता है।

धनु राशि:
इस राशि के लोगों में उर्जा बहुत होती है और ये लोग बहुत सकारात्मक होते हैं इनकी और वृषभ राशि वालों की जोड़ी सही नहीं होती, क्योंकि वृषभ राशि के लोग इतने उत्साही नहीं होते और अपनी व्यावहारिक जीवन में व्यस्त रहते हैं।

मकर राशि:
ये लोग ईमानदार, वफादार और महत्वाकांक्षी होते हैं इनका सबसे बुरा जोड़ीदार मिथुन राशि के लोग होते हैं क्योंकि इनमें मकर राशि वालों को समझने की समझदारी नहीं होती है।

कुंभ राशि:
इस राशि के लोग ओवर प्रोटेक्टिव होते हैं इनकी और कर्क राशि वालों की जोड़ी अच्छी नहीं होती क्योंकि कर्क राशि वाले बहुत भावुक होते हैं।

मीन राशि:
इस राशि के लोग बेहद रोमांटिक होते हैं और भावनाओं को महत्व देते हैं इनकी और कन्या राशि वालों की नहीं बहनती क्योंकि कन्या राशि वाले लोग प्रेक्टिकल होते हैं।

✍【वो भूली दास्तां... कहानी】✍

कभी कभी जिंदगी में कुछ घटनाएं ऐसी भी घटती हैं, जो अपनेआप में अजीब होती हैं. ऐसा ही वाकिआ एक बार मेरे साथ घटा था, जब मैं दिल्ली से हैदराबाद जा रहा था. उस दिन बारिश हो रही थी, जिस की वजह से मुझे एयरपोर्ट पहुंचने में 10 मिनट की देरी हो गई थी और काउंटर बंद हो चुका था।

आज पूरे 2 साल बाद जब मैं दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरा और बारिश को उसी दिन की तरह मदमस्त बरसते देखा, तो अचानक से वह भूला हुआ किस्सा न जाने कैसे मेरे जेहन में ताजा हो गया।

मैं खुद हैरान था, क्योंकि पिछले 2 सालों में शायद ही मैं ने इस किस्से को कभी याद किया होगा।

एक बड़ी कंपनी में ऊंचे पद पर होने के चलते काम की जिम्मेदारियां इतनी ज्यादा हैं कि कब सुबह से शाम और शाम से रात हो जाती है, इस का हिसाब रखने की फुरसत नहीं मिलती. यहां तक कि मैं इनसान हूं रोबोट नहीं, यह भी खुद को याद दिलाना पड़ता है।

लेकिन आज हवाईजहाज से उतरते ही उस दिन की एकएक बात आंखों के सामने ऐसे आ गई, जैसे किसी ने मेरी जिंदगी को पीछे कर उस दिन के उसी वक्त पर आ कर रोक दिया हो।

चैकआउट करने के बाद भी मैं एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकला या यों कहें कि मैं जा ही नहीं पाया और वहीं उसी जगह पर जा कर बैठ गया, जहां 2 साल पहले बैठा था।

मेरी नजरें भीड़ में उसे ही तलाशने लगीं, यह जानते हुए भी कि यह सिर्फ मेरा पागलपन है. मेन गेट की तरफ देखतेदेखते मैं हर एक बात फिर से याद करने लगा।

टिकट काउंटर बंद होने की वजह से उस दिन मेरे टिकट को 6 घंटे बाद वाली फ्लाइट में ट्रांसफर कर दिया गया था. मेरा उसी दिन हैदराबाद पहुंचना बहुत जरूरी था. कोई और औप्शन मौजूद न होने की वजह से मैं वहीं इंतजार करने लगा।

बारिश इतनी तेज थी कि कहीं बाहर भी नहीं जा सकता था. बोर्डिंग पास था नहीं, तो अंदर जाने की भी इजाजत नहीं थी और बाहर ज्यादा कुछ था नहीं देखने को, तो मैं अपने आईपैड पर किताब पढ़ने लगा।

अभी 5 मिनट ही बीते होंगे कि एक लड़की मेन गेट से भागती हुई आई और सीधा टिकट काउंटर पर आ कर रुकी. उस की सांसें बहुत जोरों से चल रही थीं. उसे देख कर लग रहा था कि वह बहुत दूर से भागती हुई आ रही है, शायद बारिश से बचने के लिए. लेकिन अगर ऐसा ही था तो भी उस की कोशिश कहीं से भी कामयाब होती नजर नहीं आ रही थी. वह सिर से पैर तक भीगी हुई थी।

यों तो देखने में वह बहुत खूबसूरत नहीं थी, लेकिन उस के बाल कमर से 2 इंच नीचे तक पहुंच रहे थे और बड़ीबड़ी आंखें उस के सांवले रंग को संवारते हुए उस की शख्सीयत को आकर्षक बना रही थीं।

तेज बारिश की वजह से उस लड़की की फ्लाइट लेट हो गई थी और वह भी मेरी तरह मायूस हो कर सामने वाली कुरसी पर आ कर बैठ गई. मैं कब किताब छोड़ उसे पढ़ने लगा था, इस का एहसास मुझे तब हुआ, जब मेरे मोबाइल फोन की घंटी बजी।

ठीक उसी वक्त उस ने मेरी तरफ देखा और तब तक मैं भी उसे ही देख रहा था. उस के चेहरे पर कोई भाव नहीं था. मैं सकपका गया और उस पल की नजर से बचते हुए फोन को उठा लिया।

फोन मेरी मंगेतर का था. मैं अभी उसे अपनी फ्लाइट मिस होने की कहानी बता ही रहा था कि मेरी नजर मेरे सामने बैठी उस लड़की पर फिर से पड़ी. वह थोड़ी घबराई हुई सी लग रही थी. वह बारबार अपने मोबाइल फोन पर कुछ चैक करती, तो कभी अपने बैग में.
मैं जल्दी जल्दी फोन पर बात खत्म कर उसे देखने लगा. उस ने भी मेरी ओर देखा और इशारे में खीज कर पूछा कि क्या बात है ?

मैं ने अपनी हरकत पर शर्मिंदा होते हुए उसे इशारे में ही जवाब दिया कि कुछ नहीं।

उस के बाद वह उठ कर टहलने लगी. मैं ने फिर से अपनी किताब पढ़ने में ध्यान लगाने की कोशिश की, पर न चाहते हुए भी मेरा मन उस को पढ़ना चाहता था।

पता नहीं, उस लड़की के बारे में जानने की इच्छा हो रही थी।

कुछ मिनट ही बीते होंगे कि वह लड़की मेरे पास आई और बोली, ‘सुनिए, क्या आप कुछ देर मेरे बैग का ध्यान रखेंगे? मैं अभी 5 मिनट में चेंज कर के वापस आ जाऊंगी.’
‘जी जरूर. आप जाइए, मैं ध्यान रख लूंगा,’ मैं ने मुसकराते हुए कहा।

‘थैंक यू. सिर्फ 5 मिनट... इस से ज्यादा टाइम नहीं लूंगी आप का,’ यह कह कर वह बिना मेरे जवाब का इंतजार किए वाशरूम की ओर चली गई।

10-15 मिनट बीतने के बाद भी जब वह नहीं आई, तो मुझे उस की चिंता होने लगी. सोचा जा कर देख आऊं, पर यह सोच कर कि कहीं वह मुझे गलत न समझ ले. मैं रुक गया. वैसे भी मैं जानता ही कितना था उसे. और 10 मिनट बीते. पर वह नहीं आई।

अब मुझे सच में घबराहट होने लगी थी कि कहीं उसे कुछ हो तो नहीं गया. वैसे, वह थोड़ी बेचैन सी लग रही थी. मैं उसे देखने जाने के लिए उठने ही वाला था कि वह मुझे सामने से आती हुई नजर आई।

उसे देख कर मेरी जान में जान आई. वह ब्लैक जींस और ह्वाइट टौप में बहुत अच्छी लग रही थी. उस के खुले बाल, जो शायद उस ने सुखाने के लिए खोले थे, किसी को भी उस की तरफ खींचने के लिए काफी थे।

वह अपना बैग उठाते हुए एक फीकी सी हंसी के साथ मुझ से बोली, ‘सौरी, मुझे कुछ ज्यादा ही टाइम लग गया. थैंक यू सो मच।’

मैं ने उस की तरफ देखा. उस की आंखें लाल लग रही थीं, जैसे रोने के बाद हो जाती हैं. आंखों की उदासी छिपाने के लिए उस ने मेकअप का सहारा लिया था, लेकिन उस की आंखों पर बेतरतीबी से लगा काजल बता रहा था कि उसे लगाते वक्त वह अपने आपे में नहीं थी. शायद उस समय भी वह रो रही हो।

यह सोच कर पता नहीं क्यों मुझे दर्द हुआ. मैं जानने को और ज्यादा बेचैन हो गया कि आखिर बात क्या है.
मैं ने अपनी उलझन को छिपाते हुए उस से सिर्फ इतना कहा, ‘यू आर वैलकम’।

कुछ देर बाद देखा तो वह अपने बैग में कुछ ढूंढ़ रही थी और उस की आंखों से आंसू बह रहे थे. शायद उसे अपना रूमाल नहीं मिल रहा था।

उस के पास जा कर मैं ने अपना रूमाल उस के सामने कर दिया. उस ने बिना मेरी तरफ देखे मुझ से रूमाल लिया और उस में अपना चेहरा छिपा कर जोरजोर से रोने लगी।

वह कुरसी पर बैठी थी. मैं उस के सामने खड़ा था. उसे रोते देख जैसे ही मैं ने उस के कंधे पर हाथ रखा, वह मुझ से चिपक गई और जोरजोर से रोने लगी. मैं ने भी उसे रोने दिया और वे कुछ पल खामोश अफसानों की तरह गुजर गए।

कुछ देर बाद जब उस के आंसू थमे, तो उस ने खुद को मुझ से अलग कर लिया, लेकिन कुछ बोली नहीं. मैं ने उसे पीने को पानी दिया, जो उस ने बिना किसी झिझक के ले लिया।

फिर मैं ने हिम्मत कर के उस से सवाल किया, ‘अगर आप को बुरा न लगे, तो एक सवाल पूछं?’
उस ने हां में अपना सिर हिला कर अपनी सहमति दी.
‘आप की परेशानी का सबब पूछ सकता हूं? सब ठीक है न?’ मैं ने डरते डरते पूछा।

‘सब सोचते हैं कि मैं ने गलत किया, पर कोई यह समझने की कोशिश नहीं करता कि मैं ने वह क्यों किया?’ यह कहतेकहते उस की आंखों में फिर से आंसू आ गए।

‘क्या तुम्हें लगता है कि तुम से गलती हुई, फिर चाहे उस के पीछे की वजह कोई भी रही हो?’ मैं ने उस की आंखों में आंखें डालते हुए पूछा।

‘मुझे नहीं पता कि क्या सही है और क्या गलत. बस, जो मन में आया वह किया?’ यह कह कर वह मुझ से अपनी नजरें चुराने लगी।

‘अगर खुद जब समझ न आए, तो किसी ऐसे बंदे से बात कर लेनी चाहिए, जो आप को नहीं जानता हो, क्योंकि वह आप को बिना जज किए समझने की कोशिश करेगा?’ मैं ने भी हलकी मुसकराहट के साथ कहा।

‘तुम भी यही कहोगे कि मैं ने गलत किया?’
‘नहीं, मैं यह समझने की कोशिश करूंगा कि तुम ने जो किया, वह क्यों किया?’

मेरे ऐसा कहते ही उस की नजरें मेरे चेहरे पर आ कर ठहर गईं. उन में शक तो नहीं था, पर उलझन के बादलजरूर थे कि क्या इस आदमी पर यकीन किया जा सकता है? फिर उस ने अपनी नजरें हटा लीं और कुछ पल सोचने के बाद फिर मुझे देखा।

मैं समझ गया कि मैं ने उस का यकीन जीत लिया है. फिर उस ने अपनी परेशानी की वजह बतानी शुरू की.
दरअसल, वह एक मल्टीनैशनल कंपनी में बड़ी अफसर थी. वहां उस के 2 खास दोस्त थे रवीश और अमित. रवीश से वह प्यार करती थी. तीनों एकसाथ बहुत मजे करते. साथ ही, आउटस्टेशन ट्रिप पर भी जाते. वे दोनों इस का बहुत खयाल रखते थे।

एक दिन उस ने रवीश से अपने प्यार का इजहार कर दिया. उस ने यह कह कर मना कर दिया कि उस ने कभी उसे दोस्त से ज्यादा कुछ नहीं माना. रवीश ने उसे यह भी बताया कि अमित उस से बहुत प्यार करता है और उसे उस के बारे में एक बार सोच लेना चाहिए।

उसे लगता था कि रवीश अमित की वजह से उस के प्यार को स्वीकार नहीं कर रहा, क्योंकि रवीश और अमित में बहुत गहरी दोस्ती थी. वह अमित से जा कर लड़ पड़ी कि उस की वजह से ही रवीश ने उसे ठुकरा दिया है और साथ में यह भी इलजाम लगाया कि कैसा दोस्त है वह, अपने ही दोस्त की गर्लफ्रैंड पर नजर रखे हुए है।

इस बात पर अमित को गुस्सा आ गया और उस के मुंह से गाली निकल गई. बात इतनी बढ़ गई कि वह किसी और के कहने पर, जो इन तीनों की दोस्ती से जला करता था, उस ने अमित के औफिस में शिकायत कर दी कि उस ने मुझे परेशान किया. इस वजह से अमित की नौकरी भी खतरे में पड़ गई।

इस बात से रवीश बहुत नाराज हुआ और अपनी दोस्ती तोड़ ली. यह बात उस से सही नहीं गई और वह शहर से कुछ दिन दूर चले जाने का मन बना लेती है, जिस की वजह से वह आज यहां है।

यह सब बता कर उस ने मुझ से पूछा, ‘अब बताओ, मैं ने क्या गलत किया?’

‘गलत तो अमित और रवीश भी नहीं थे. वह थे क्या?’ मैं ने उस के सवाल के बदले सवाल किया।

‘लेकिन, रवीश मुझ से प्यार करता था. जिस तरह से वह मेरी केयर करता था और हर रात पार्टी के बाद मुझे महफूज घर पहुंचाता था, उस से तो यही लगता था कि वह भी मेरी तरह प्यार में है.’

‘क्या उस ने कभी तुम से कहा कि वह तुम से प्यार करता है?’

‘नहीं.’

‘क्या उस ने कभी अकेले में तुम से बाहर चलने को कहा?’

‘नहीं, पर उस की हर हरकत से मुझे यही लगता था कि वह मुझे प्यार करता है।’

‘ऐसा तुम्हें लगता था. वह सिर्फ तुम्हें अच्छा दोस्त समझ कर तुम्हारा खयाल रखता था।’

‘मुझे पता था कि तुम भी मुझे ही गलत कहोगे,’ उस ने थोड़ा गुस्से से बोला।

‘नहीं, मैं सिर्फ यही कह रहा हूं कि अकसर हम से भूल हो जाती है यह समझने में कि जिसे हम प्यार कह रहे हैं, वो असल में दोस्ती है, क्योंकि प्यार और दोस्ती में ज्यादा फर्क नहीं होता।’

‘लेकिन, उस की न की वजह अमित भी तो सकता है न?’

‘हो सकता है, लेकिन तुम ने यह जानने की कोशिश ही कहां की. अच्छा, यह बताओ कि तुम ने अमित की शिकायत क्यों की?’

‘उस ने मुझे गाली दी थी.’

‘क्या सिर्फ यही वजह थी? तुम ने सिर्फ एक गाली की वजह से अपने दोस्त का कैरियर दांव पर लगा दिया?’
‘मुझे नहीं पता था कि बात इतनी बढ़ जाएगी. मैं सिर्फ उस से माफी मंगवाना चाहती थी?

‘बस, इतनी सी ही बात थी?’ मैं ने उस की आंखों में झांक कर पूछा।

‘नहीं, मैं अमित को हर्ट कर के रवीश से बदला लेना चाहती थी, क्योंकि उस की वजह से ही रवीश ने मुझे इनकार किया था।’

‘क्या तुम सचमुच रवीश से प्यार करती हो?’
मेरे इस सवाल से वह चिढ़ गई और गुस्से में खड़ी हो गई।

‘यह कैसा सवाल है? हां, मैं उस से प्यार करती हूं, तभी तो उस के यह कहने पर कि मैं उस के प्यार के तो क्या दोस्ती के भी लायक नहीं. यह सुन कर मुझे बहुत हर्ट हुआ और मैं घर क्या अपना शहर छोड़ कर जा रही हूं।’

‘पर जिस समय तुम ने रवीश से अपना बदला लेने की सोची, प्यार तो तुम्हारा उसी वक्त खत्म हो गया था, प्यार में सिर्फ प्यार किया जाता है, बदले नहीं लिए जाते और वह दोनों तो तुम्हारे सब से अच्छे दोस्त थे?’

मेरी बात सुन कर वह सोचती हुई फिर से कुरसी पर बैठ गई. कुछ देर तक तो हम दोनों में से कोई कुछ नहीं बोला. कुछ देर बाद उस ने ही चुप्पी तोड़ी और बोली, ‘मुझ में क्या कमी थी, जो उसे मुझ से प्यार नहीं हुआ?’ और यह कहतेकहते वह मेरे कंधे पर सिर रख कर रोने लगी।

‘हर बार इनकार करने की वजह किसी कमी का होना नहीं होता. हमारे लाख चाहने पर भी हम खुद को किसी से प्यार करने के लिए मना नहीं सकते. अगर ऐसा होता तो रवीश जरूर ऐसा करता,’ मैं ने भी उस के कंधे पर हाथ रखते हुए कहा।

‘सब मुझे बुरा समझते हैं,’ उस ने बच्चे की तरह रोते हुए कहा।

‘नहीं, तुम बुरी नहीं हो. बस टाइम थोड़ा खराब है. तुम अपनी शिकायत वापस क्यों नहीं ले लेतीं?’
‘इस से मेरी औफिस में बहुत बदनामी होगी. कोई भी मुझ से बात तक नहीं करेगा?’

‘हो सकता है कि ऐसा करने से तुम अपनी दोस्ती को बचा लो और क्या पता, रवीश तुम से सचमुच प्यार करता हो और वह तुम्हें माफ कर के अपने प्यार का इजहार कर दे,’ मैं ने उस का मूड ठीक करने के लिए हंसते हुए कहा।

यह सुन कर वह हंस पड़ी. बातों ही बातों में वक्त कब गुजर गया, पता ही नहीं चला. मेरी फ्लाइट जाने में अभी 2 घंटे बाकी थे और उस की में एक घंटा।

मैं ने उस से कहा, ‘बहुत भूख लगी है. मैं कुछ खाने को लाता हूं,’ कह कर मैं वहां से चला गया।

थोड़ी देर बाद मैं जब वापस आया, तो वह वहां नहीं थी. लेकिन मेरी सीट पर मेरे बैग के नीचे एक लैटर था, जो उस ने लिखा था :-

डियर,

‘आज तुम ने मुझे दूसरी गलती करने से बचा लिया, नहीं तो मैं सबकुछ छोड़ कर चली जाती और फिर कभी कुछ ठीक नहीं हो पाता ।
अब मुझे पता है कि मुझे क्या करना है।
तुम अजनबी नहीं होते, तो शायद मैं कभी तुम्हारी बात नहीं सुनती और मुझे अपनी गलती का कभी एहसास नहीं होता।
अजनबी ही रहो, इसलिए अपनी पहचान बताए बिना जा रही हूं।
शुक्रिया, सहीगलत का फर्क समझाने के लिए. जिंदगी ने चाहा, तो फिर कभी तुम से मुलाकात होगी ।’

मैं खत पढ़ कर मुसकरा दिया।
कितना अजीब था यह सब।
हम ने घंटों बातें कीं, लेकिन एक दूसरे का नाम तक नहीं पूछा. उस ने भी मुझ अजनबी को अपने दिल का पूरा हाल बता दिया।

बात करते हुए ऐसा कुछ लगा ही नहीं कि हम एकदूसरे को नहीं जानते और मैं बर्गर खाते हुए यही सोचने लगा कि वह वापस जा कर करेगी क्या?

फोन की घंटी ने मुझे मेरे अतीत से जगाया।
मैं अपना बैग उठा कर एयरपोर्ट से बाहर निकल गया।
लेकिन निकलने से पहले मैं ने एक बार फिर चारों तरफ इस उम्मीद से देखा कि शायद वह मुझे नजर आ जाए।

मुझे लगा कि शायद जिंदगी चाहती हो मेरी उस से फिर मुलाकात हो. यह सोच कर मैं पागलपन पर खुद ही हंस दिया और अपने रास्ते निकल पड़ा।

अच्छा ही हुआ, जो उस दिन हम ने अपने फोन नंबर ऐक्सचेंज नहीं किए और एकदूसरे का नाम नहीं पूछा. एकदूसरे को जान जाते, तो वह याद आम हो जाती या वह याद ही नहीं रहती।

अकसर ऐसा होता है कि हम जब किसी को अच्छी तरह जानने लगते हैं, तो वो लोग याद आना बंद हो जाते हैं. कुछ रिश्ते अजनबी भी तो रहने चाहिए, बिना कोई नाम के।