कुल पेज दृश्य

मंगलवार, 16 जुलाई 2019

थोड़ा थक सा जाता हूं।


कुछ कह गए, कुछ सह गए,


झांक रहे है इधर उधर सब


खुश हूं।


अज़ीब सी धुन बजा रखी है!


तू अकेले क्यों गई।


हाथ पकड़ ले अब भी तेरा हो सकता हूं मैं!