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गुरुवार, 26 अक्टूबर 2017

उसे कह दो वो मेरा है किसी और का हो नहीं सकता

उसे कह दो वो मेरा है किसी और का हो नहीं सकता,
बहुत नायाब है मेरे लिए वो कोई और उस जैसा हो नहीं सकता,
तुम्हारे साथ जो गुज़ारे वो मौसम याद आते हैं,
तुम्हारे बाद कोई मौसम सुहाना हो नहीं सकता।

ना जाने मुहब्बत में कितने अफसाने बन जाते है,
शमां जिसको भी जलाती है वो परवाने बन जाते है,
कुछ हासिल करना ही इश्क कि मंजिल नही होती,
किसी को खोकर भी कुछ लोग दिवाने बन जाते है।

ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी

हाल अपने दिल ❤ का, मैं तुम्हें सुना नहीं पाता हूँ,
जो सोचता रहता हूँ हरपल, होंठो 💋 तक ला नहीं पाता हूँ,
बेशक बहुत मोहब्बत 💃 है, तुम्हारे लिए मेरे इस दिल ❤ में,
पर पता नहीं क्यों तुमको, फिर भी मैं बता नहीं पाता हूँ।

बुधवार, 25 अक्टूबर 2017

स्त्री अपनी ये 3 गुप्त बातें किसी को नही बताती

हम सभी के जीवन में ऐसी कोई ना कोई बात जरूर होती है। जिसे हम किसी के साथ शेयर नहीं करते हैं। अपने जीवन साथी से भी नहीं। यह बात स्त्री और पुरुष दोनों पर समान रुप से लागू होती है। ऐसी ही तीन बातें जो अक्सर महिलाएं अपने पति से छुपाती है।

पहला प्रेम :-


ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी 


पुरुषों की तरह ही हर स्त्री के जीवन में भी ऐसा कोई ना कोई तो होता है, जिससे वह प्रेम करती हो। पर इसके बारे में वह कभी अपने पति को नहीं बताती। वह सोचती है, कि ऐसा करने से उनके सुखमय जीवन में बाधा ना आ जाए। इसलिए वो इस बात को छुपाने की कोशिश करती है।

पैसा :-

स्त्री घर के छोटे बड़े कामों को मैनेज करने के दौरान कुछ पैसा बचा लेती है। ये बात वो अपने पति से छुपाती है। पर जरूरत के समय वह यह पैसा पति को देने से पीछे नहीं हटती और इस तरह वह अपने पति की मदद करती है। पर सिर्फ समय पडने पर ही।

महिलाओं वाली बात :-

दोस्तों आप यह कभी नहीं जान पाएंगे, कि महिलाएं अकेले में अपनी सहेलियों से कौन-कौन सी बातें करती है। पर शर्त है, कि आप यह छुप कर ना सुने। महिलाएं जो बातें पुरुषों से शेयर करने में घबराती है, वही बातें अपनी सहेलियों को बड़े मजे लेकर सुनाती है।

सोमवार, 23 अक्टूबर 2017

ज़रा-सी देर में...


ज़रा-सी देर में दिलकश नज़ारा डूब जायेगा,
ये सूरज देखना सारे का सारा डूब जायेगा।

न जाने फिर भी क्यों साहिल पे तेरा नाम लिखते हैं, हमें मालूम है इक दिन किनारा डूब जायेगा।

सफ़ीना हो के हो पत्थर…
हैं हम अंज़ाम से वाक़िफ़…
तुम्हारा तैर जायेगा हमारा डूब जायेगा।

समन्दर के सफर में किस्मतें पहलू बदलती हैं
अगर तिनके का होगा तो सहारा डूब जायेगा।

मिसालें दे रहे थे लोग जिसकी कल तलक हमको…
किसे मालूम था वो भी सितारा डूब जायेगा।

तुम्हें देखा तो...

तुम्हें देखा तो...
तुम्हें देखा तो भरी आँख भी मुस्करा गई
मेरे होंठों की हँसी हर ज़ख्म छुपा गई

मुद्दत बाद गुज़रे हो इस गली से तन्हा
सोचता हूँ, बात क्या तुम्हें याद इधर की दिला गई?

एक मैं ही तो नहीं था तुम्हारे अपनों में कभी
बड़ी लम्बी क़तार थी, क्या ख़त्म होने को आ गई?

ख्वाहिश तो बहुत थी साथ तुम्हारे रहने की
पर क्या करें? आड़े तुम्हारे ही मजबूरियाँ आ गई

तुम से दूर होकर सिवा तड़प के कुछ हासिल तो नहीं
पर ये बोझ भी चुपके से हर साँस उठा गई

खैर यही सही, तुम खुश तो हो अपनों में
एक मेरी कमी क्या लेके तुम्हारा गई?

तुमसे जुड़ी हर बात याद आएगी


तुमसे जुड़ी हर बात याद आएगी,
अपनी ये दूसरी मुलाकात याद आएगी।

लबों से ना हो पाई कोई भी बात,
मगर फिर भी ये बात याद आएगी।

गुजरा था हर लम्हा तुम्हारे दीदार में,
कितनी थी हसीन ये रात याद आएगी।

कदमों का फासला भी मीलों सा था,
ऐसे भी होती है मुलाकात याद आएगी।

दोनों के दिलों का हाल अलग-अलग था,
ये अलग अलग सवालों वाली बात याद आएगी।

कितनी थी बंदिशें और मजबूरी दिलों की,
मजबूरियों वाली ऐसी ये रात याद आएगी।

खुली जुल्फों में एक चाँद सा चेहरा ,
उस रात चाँद से हुई मुलाकात याद आएगी।

तुमसे जुड़ी हर बात याद आएगी,
अपनी ये दूसरी मुलाकात याद आएगी !!

लबो से चाहत की खुशबू चुराने दो..!!

लबो से चाहत की खुशबू चुराने दो
बहुत हो गया सितम, अब तो पास आने दो।

ना करना जुबां से इज़हार मोहब्बत का.
बस इशारो से ही राज़-ए-दिल की बात बताने दो। 


हो मेहबूब तुम्हारे जैसा हसीन तो मुमकिन हैं
देख कर तुमको निगाहो में खुमार भर जाने दो।

है गुज़ारिश नहीं संभालता ये इश्क़ हमसे
अब तो टूट कर बाहो में बिखर जाने दो ।

मंगलवार, 10 अक्टूबर 2017

📕 मुझें क़िताब📖 बनाया होता।📕

काश बनाने वाले ने मुझें क़िताब बनाया होता…
वो पढ़ते पढ़ते सो जाती, मुझें सीने से लगाया होता…!!

मैं उसके ग़म में रोता और रोता ही जाता…
उसने चुपके से मुझे सीने से लगाया होता…!!

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ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी

उसको दास्तान सुना के थक सा गया…
काश उसने भी मुझें हाल-ए-दिल सुनाया होता…!!

मैं उस का नाम लेता और सुबह-शाम लेता…
है अफ़सोस उसने मुझे एक बार तो बुलाया होता…!!

मैं उस की खातिर तड़फता रहा शाम-ओ-शहर…
आराम ना होता गर उस ने एक आँसू ही बहाया होता…!!