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गुरुवार, 9 जून 2022

गर हम मुहब्बत करते हैं तो जताना भूल जाते हैं।

📚गर हम🍀
मुहब्बत करते हैं तो🍀
जताना भूल जाते हैं🍀🌿
🍀🌿🌹🌿🍀
कभी🍀
खफ़ा नहीं होते बस🍀
मनाना भूल जाते हैं 🍀🌿
🍀🌿🌹🌿🍀
एक🍀
अजीब सी फ़ितरत है🍀
इश्क़ की दीवानगी में🍀🌿
🍀🌿🌹🌿🍀
गर लगा लें 🍀
आग दिल में तो 🍀
बुझाना भूल जाते हैं। 🍀🌿

मैं तुझको भुल के जिन्दा रहुँ, खुदा ना करे..!!

मैं तुझको भुल के जिन्दा रहुँ, खुदा ना करे..
रहेगा साथ तेरा प्यार जिन्दगी बन कर..
ये और बात मेरी जिन्दगी वफा ना करे..

ये ठीक है नही मरता कोई जुदाई में..
खुदा किसी को किसी से मगर जुदा ना करे..
सुना है उसको मोहब्बत दुआऐं देती है..
जो दिल पे चोट तो खाऐ मगर गिला ना करे..

अगर वफा पे भरोसा रहे ना दुनिया को..
तो कोई शख्स मोहब्बत का हौसला ना करे..
बुझा दिया हो नसीबों ने मेरे प्यार का चाँद..


गज़ल

करूँ प्यार मैं भी,करो प्यार तुम भी।
मिलनसार मैं भी,मिलनसार तुम भी।।

मुहब्बत किसी की,न कम है न ज्यादा,
बराबर मेरे साथ हकदार तुम भी।

लगी आस मिलने की दिल में बराबर,
न मैं ही अकेले, तलबगार तुम भी।

मुझी पर लगाते रहे जुल्म सारे,
नहीं सिर्फ मैं ही, गुनहगार तुम भी।

चलो हम मनाते तुम्ही मान जाओ,
न करना कभी अब तो तकरार तुम भी।

चलेगी न जीवन की नैया अकेले,
मददगार मैं भी, मददगार तुम भी।

खता मानने हम न तैयार दोनो,
समझदार मैं भी,समझदार तुम भी।

सजा के लिये सामने कौन होगा,
खतावार मैं भी,खतावार तुम भी।

न हैं "सचिन" कमजोर इक दूसरे से,
असरदार मैं भी, असरदार तुम भी।

गुरुवार, 15 अक्टूबर 2020

सी के लब एक क़यामत सी, उठा दी जाए…

सी के लब एक क़यामत सी, उठा दी जाए
रह के ख़ामोश अब ज़रा, धूम मचा दी जाए…

अब तो सैयाद को भी कोई, सज़ा दी जाए
इस क़फ़स ही में ज़रा, आग लगा दी जाए…

जिसको देखो वही, सहरा में चला आता है
अब रास्ते में कोई दीवार, ऊंची उठा दी जाए…

दिल में कब तक रहे, उम्मीद का वीरान महल
अब तो ये गहन इमारत भी, गिरा दी जाए।

सोमवार, 6 जनवरी 2020

एक आग है जो तुम्हारे प्रेम से परेदहकती रहती है।

एक आग है जो तुम्हारे प्रेम से परे
दहकती रहती है मेरे अंदर
मेरी भी अंगड़ाइयां मचलती हैं
मुझे अब तक करवटें जगातीं हैं
मेरे जिस्म के अंगारे दहकते हैं
मेरी आँखों में कोई है जो हरदम
ज़िद पे रहता है कि उसको
अपने सिरहाने सिर्फ तुम चाहिए
मेरे जज़्बे में अब भी है कोई
जो ज़माने को लगाना चाहता है आग
ताकि वो सुकून से सिर्फ़ तुम्हें देख सके
लेकिन क्या करूँ अब ये अंगारे 
तुम्हारे अंदर बुझ चुके होंगे
पूरी हो चुकी होगी तुम्हारी हर ख़्वाहिश
देख चुके होगे तुम दुनिया के हर सुख
कि इसके बाद तुम्हारे अंदर क्या रहा होगा
जिसे देखकर मैं उसको अधूरा समझूँ
और झोंक दूँ खुद को उसे पूरा करने में
तुम्हें मेरा दिया हुआ सुख अब कुछ न लगेगा
कि अब मर भी जाऊँ तुम्हारे लिए
तो वो थोड़ा होगा.....💔

रविवार, 29 दिसंबर 2019

हम भी महोब्बत किया करते थे।

             आँखों मे प्यास हुआ करती थी…
              दिल में तुफान उठा करते थे…

लोग आते थे गज़ल सुनने को…
हम तेरी बात किया करते थे…

             सच समझते थे सब सपनो को…
             रात दिन घर में रहा करते थे…
किसी विराने में तुझसे मिलकर…
दिल में क्या फुल खिला करते थे…

           घर की दिवार सजाने की खातिर…
           हम तेरा नाम लिखा करते थे…

कल तुझ को देखकर याद आया…
हम भी महोब्बत किया करते थे?