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शुक्रवार, 27 अक्टूबर 2017

जब कोई आपकी नाराज़गी की परवाह करना छोड़ दे तो समझ लेना


ठाकुर सचिन चौहान अग्निवंशी

1

हर मुलाकात पर वक्त का तकाज़ा हुआ..

हर याद पे दिल का दर्द ताजा हुआ..

सुनी थी सिर्फ हमने गज़लों मे जुदाई की बातें..

अब खुद पे बीती तो हकीकत का अंदाजा हुआ।

2

हर रोज़ पीता हूँ तेरे छोड़ जाने के ग़म में,

वर्ना पीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं,

बहुत याद आते है तेरे साथ बीताये हुये लम्हें,

वर्ना मर मर के जीने का मुझे भी कोई शौंक नहीं।

3

हर वक्त मुस्कुराना फिदरत हैं हमारी,

आप यूँ ही खुश रहे हसरत हैं हमारी,

आपको हम याद आये या ना आये,

आपको याद करना आदत हैं हमारी।

4

हसीं चेहरे पर कभी ऐतबार ना करना,

तोड देते हैं दिल कभी प्यार ना करना,

है गुजारिश सबसे मेरी, मर जाओगे,

वो ना आयेंगे कभी इंतजार ना करना।

5

अकेला सा महसूस करो जब तन्हाई में,

याद हमारी जब आये तुम्हें जुदाई मे,

महसूस करना तुम्हारे ही पास हू मैं,

जब चाहे देख लेना मुझे अपनी परछाई में।

6

अगर जवाब दोगे तो बात करेंगे

नही दोगे तो इंतेज़ार करेंगे,

दोस्ती की है आपसे इसलिए,

मरते दम तक आप को हर पल याद करेंगे।

7

अगर ज़िंदगी मे जुदाई ना होती,

तो कभी किसी की याद आई ना होती,

साथ ही गुज़रता हर लम्हा तो,

शायद रिश्तों मे यह गहराई ना होती..!!

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