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शनिवार, 28 अक्टूबर 2017

रिश्ते का समाधान : सच्चे प्यार को कैसे परखा जाये।

प्यार की परिभाषा:
जब आप शुद्ध और बिना शर्त प्यार के बारे में सोचते हैं तब आप क्या चाहते हैं? हम प्यार के बारे में कई तरीके से सोचतें हैं, सच्चाई यह है कि हम जो सोचतें हैं उसे हम प्यार मानते है। वो प्यार नहीं हैं जो कि एक क्षण में बढ़ जाता हैं और अगले ही क्षण कम हो जाता हैं। प्यार वो है, जो हमारे दिल में बसता हैं और वहीँ स्थाई रूप से बसा रहता हैं - ज्ञानी पुरुष दादा भगवान।

वास्तविक प्यार सच्चा होता हैं। 
प्यार वैज्ञानिक समीकरणों में चिर स्थाई रहने वाले चर की तरह हैं। वो हमेशा बना रहता हैं, और कभी भी नहीं बदलता। इस का मतलब प्यार को स्थाई होना चाहिए, इस में किसी भी परिस्थिति, बात, या किसी भी अन्य हालात में, किसी भी क्षण में वृद्धि या न ही कमी हो सकती है। और अगर बदलाव होता हैं, तो उसका अर्थ आसक्ति, आकर्षण हैं। ''सच्चा प्यार किसी भी परिस्थिति में ख़त्म नहीं हो सकता हैं। अगर वह नहीं ख़त्म होता हैं, तभी ही उसे प्यार कहां जायेगा। यह प्यार की परीक्षा हैं।

सच्चा प्यार जिंदगी भर खुशियाँ देता हैं।
जब आप किसी से प्यार करते हैं, तब आप उस से संघर्ष क्यों करतें हैं? जहाँ कहीं भी आकर्षण और आसक्ति होती हैं, वहां आरोप प्रत्यारोप होना निश्चित हैं। यह आकर्षण और आसक्ति की प्रकृति हैं। विवाद आकर्षण और आसक्ति के पोषक तत्व हैं। अगर कोई विवाद नहीं होते हैं तो यह आपको प्रभुद्ध बनाते हैं।

किशोरों को कैसे समझाए?
अपने किशोर अवस्था के बच्चे साथ कुछ अच्छा समय बिताएं, मृदुता के साथ उन्हें समझाए कि सभ्य, सम्मानित लोग ऐसी चीज़े नहीं करते हैं। उसे मृदुता और प्यार के साथ बात करें, मगर ऐसा करने के बजाए आप उसे डाटते -पिटते हैं, यह कैसे स्वीकार्य किया जा सकता हैं? बिना प्यार कोई भी समाधान नहीं निकल सकता हैं। आप अगर उनसे प्यार से बात करतें हैं, वो आपसे बदले मे बहुत अच्छा व्यव्हार करेंगे , तो यह मानव को किस हद तक प्रभावित करता होगा इस बात की कल्पना करें।

सच्चे प्यार को कैसे परखा जाए?
जब आप उसका परिक्षण करेंगे तब आपको लगेगा कि अपने आप को बंधन में बांधने से पहले उसका परिक्षण कर लिया जाये। वैसे ही, जब हम प्रमाणिकता जांचने के लिए एक रुपया का सिक्का उछालतें हैं, दुसरो को डांटने के लिए कारण ढूढ़ते हैं और उसकी प्रतिक्रिया देखतें हैं। लोग उनके स्वार्थ के लिए प्यार का ढोंग करतें हैं। आप को, उसे सच्चा प्यार है या नहीं यह जानने के लिए उसे परखना चाहिए। ऐसा प्यार हमेशा शांत रहता हैं, जब उस पर गुस्सा हुआ जाये और गलती करने वाले का अधिक ध्यान रखता हैं, ना कि उसे कोई हानि पहुंचता है। ऐसे व्यक्ति के सानिध्य में दुष्ट व्यक्ति भी पिघल जाता हैं और समर्पण कर देता हैं।

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